चाय से नुकसान अनेक
/ Side
effects of tea in hindi
भारत में चाय का आगमन अंग्रेजों के आने के साथ ही हुआ है उससे पहले भारतीय रसोई में चाय नहीं होती थी । कुछ लोग आदतन दिन में कई चाय पी जाते हैं । चाय के अधिक सेवन से शरीर में अनेक हानी कारक प्रभाव दिखाई देने लगते हैं । चाय के कैफीन और टैनिन प्रमुख घटक हैं । चाय काली, हरी,एवं हर्बल-टी के रूप में मार्केट में मिलती है । यदि काली चाय बार बार पी जाये तो नशे की तरह लत का रूप धारण कर लेती है ।
ज्यादा चाय पीने से नुकसान / Harmful effects of tea in hindi
1. चाय के ज्यादा सेवन से शरीर में गर्मी बढ़ जाती है जिससे पित्त जन्य बीमारियाँ पैदा होती हैं ।
भारत में चाय का आगमन अंग्रेजों के आने के साथ ही हुआ है उससे पहले भारतीय रसोई में चाय नहीं होती थी । कुछ लोग आदतन दिन में कई चाय पी जाते हैं । चाय के अधिक सेवन से शरीर में अनेक हानी कारक प्रभाव दिखाई देने लगते हैं । चाय के कैफीन और टैनिन प्रमुख घटक हैं । चाय काली, हरी,एवं हर्बल-टी के रूप में मार्केट में मिलती है । यदि काली चाय बार बार पी जाये तो नशे की तरह लत का रूप धारण कर लेती है ।
ज्यादा चाय पीने से नुकसान / Harmful effects of tea in hindi
1. चाय के ज्यादा सेवन से शरीर में गर्मी बढ़ जाती है जिससे पित्त जन्य बीमारियाँ पैदा होती हैं ।
2. बार बार चाय पीने से भूख मर जाती है, आँतों में खुश्की आती है, जिससे कब्ज ( Constipation ) होती है ,पेट में गैस बनती है, पेट एवं हाथ पैर के तलवों में जलन होती है ।
3. ज्यादा चाय पीने से पेट में गर्मी पैदा होकर एसिड बनता है, जिससे एसीडिटी ( Acidity ) होती है पेट में अल्सर हो सकते हैं , खट्टी डकारें आती हैं पेट फूलने की समस्या हो जाती है ।
4. चाय से मस्तिष्क के स्नायु अनावश्यक रूप से उतेजित होते हैं जिससे अनिद्रा ( insomnia ) की शिकायत हो जाती है ।
5. सुबह भूखे पेट Bed tea तथा शाम को खाना खाने के बाद चाय पीना तो अत्यंत
नुकसानदायक
साबित होता है
। पाचन क्रिया
गड़बड़ हो जाती है,
भोजन का ठीक से पाचन नहीं हो पाता है ।
6. चाय के ज्यादा सेवन से चीनी की अतिरिक्त मात्रा शरीर में जाती है जिससे मोटापा ( Obesity ) डायबीटीज ( Diabetes ) आदि रोगों की सम्भावना बढ़ती है ।
इस प्रकार ये चाय के अनेक नुकसान हैं इसलिए चाय का सेवन करना हो तो सीमित मात्रा में ही करें । दिन में 1 या दो चाय काफी हैं यदि इनसे भी दिक्कत हो तो बिलकुल ना पीयें । अति से बचें । विकल्प के रूप में हर्बल-टी या लेमन-टी सीमित मात्रा में ले सकते हैं ।