पाचन शक्ति को बनायें बेहतर
खानपान में गड़बड़ी,
अनिश्चित दिनचर्या
तथा भागदौड़
भरी जिंदगी
के कारण
अधिकतर लोग
पाचन संस्थान की बीमारियों
से ग्रसित
हो जाते
हैं। किन्तु
सही पाचन
शक्ति हमारे शरीर का मूल है।
अतः पाचन
क्रिया को
सही रखना
बहुत जरुरी
है । एसीडिटी, कब्ज, गैस, अजीर्ण,
अनिद्रा, अरुचि,
बवासीर एवं
भगंदर आदि
मुख्य समस्यायें हैं ।
पाचन क्रिया सही रखने के उपाय-
1. खाना निगलें नहीं अच्छी तरह चबाकर खायें- भोजन आराम से बैठकर शांतिपूर्वक करना चाहियें । प्रत्येक कौर को अच्छी तरह चबाकर खाने से लार रस उसमे अच्छी तरह मिल जाता है जिससे गैस, अपचन, एसीडिटी, कब्ज से बचाव होता है |
पाचन क्रिया सही रखने के उपाय-
1. खाना निगलें नहीं अच्छी तरह चबाकर खायें- भोजन आराम से बैठकर शांतिपूर्वक करना चाहियें । प्रत्येक कौर को अच्छी तरह चबाकर खाने से लार रस उसमे अच्छी तरह मिल जाता है जिससे गैस, अपचन, एसीडिटी, कब्ज से बचाव होता है |
2. फाइबर जरूर लें- फाइबर या रेशा हरी सब्जियों, फल फ्रूट, चोकर युक्त आटा में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है । इसमें बवासीर, भगंदर, कब्ज, गैस से बचाव होता है ।
3. सन्तुलिर भोजन लें- पूड़ी पराँठे, मिर्च मसाले, जंक फ़ूड का सेवन न करें, बल्कि दूध,दही,छाछ, दलिया, खिचड़ी, अंकुरित अन्त, सलाद आदि को अपने खानपान में शामिल करें ।
4. सुबह शाम घूमें- शाम को खाना खाने के बाद घूमना मोटापा, कॉलेस्ट्रोल, उच्च क्तचाप, एसीडिटी जैसे अनेक रोगों से बचाता हैं, पाचन क्रिया सही रहती है । खाना सही से हजम होता है । अच्छी नींद आती है । इसी तरह सुबह ताजी हवा में घूमना, मन को प्रफुल्लित कर देता है, रोगों से बचाता है | शरीर में चुस्ती फुर्ती रहती है । योग, व्यायाम, प्राणायाम का नित्य अभ्यास करें ।
5. घरेलु उपाय- (A) आधी चम्मच अजवायन के साथ थोड़ा सा काला नमक एवं थोड़े से सोंठ पाउडर की फाँकी लेकर ऊपर से गरम पानी पीने से अफारा, गैस, पेट दर्द में आराम आता है |
(B) कब्ज होने पर 2-3 छोटी हरड़ को तवे पर फुलाकर चूर्ण गरम पानी से रात में लेना कब्ज, बवासीर, गैस में लाभदायक है |
(C) खाने में रूचि ना हो तो एक निम्बू के दो टुकड़े करके उन पर 2-3 काली मिर्च एवं थोडा सा काला नमक का पाउडर डालकर तवे पर निम्बू गरम करके चूसना भूख बढ़ाता है, पाचन सही करता है। बुखार व जुकाम के बाद होने वाली अरुचि को दूर करता है ।
6. आयुर्वेद- हींग, लहसुन, आंवला, हरड़, काला व सैंधा नमक, काली मिर्च, पिप्पली चित्रक, निशोथ, जीरा सोंफ आदि जड़ी बूटियां पेट के रोगों में बहुत उपयोगी हैं । इन्हें चिकित्सक की राय से सेवन करें ।